वीर लाचित बोरफुकन: मुगलों की मंशाओं को चकनाचूर करने वाले असम के शिवाजी! | lachit borphukan history in hindi

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वीर लाचित बोरफुकन: मुगलों की मंशाओं को चकनाचूर करने वाले असम के शिवाजी! | lachit borphukan history in hindi

वीरता और देशभक्ति का प्रतीक, असम के शिवाजी, लाचित बोरफुकन, 17वीं शताब्दी में मुगलों के खिलाफ खड़े हुए एक वीर योद्धा थे।
उनका जन्म: 1622 में, मोमोजाई बोरफुकन और इटु बोरफुकन के घर।

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उनका जीवन:

• 1658 में, उन्हें अहोम साम्राज्य के सेनापति के रूप में नियुक्त किया गया।
• 1671 में, मुगल सेना ने असम पर आक्रमण किया।
• लाचित बोरफुकन ने मुगलों को सराईघाट युद्ध में हराया।
• यह युद्ध भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण युद्धों में से एक है।

युद्ध में वीरता:

• लाचित बोरफुकन ने अपनी वीरता और रणनीति से मुगलों को परास्त किया।
• युद्ध के दौरान, वे घायल हो गए थे, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।
• उन्होंने कहा, “मैं मर सकता हूँ, लेकिन मुगलों को असम में प्रवेश नहीं करने दूंगा।”
उनका महत्व:
• लाचित बोरफुकन असम के राष्ट्रीय नायक हैं।
• उन्हें “असम का शिवाजी” भी कहा जाता है।
• उनकी वीरता और देशभक्ति आज भी प्रेरणादायी है।

युद्ध के बाद:

• सराईघाट युद्ध में जीत के बाद, मुगलों ने कभी भी असम पर आक्रमण नहीं किया।
• लाचित बोरफुकन 1672 में मृत्यु को प्राप्त हुए।
उनकी विरासत:
• लाचित बोरफुकन आज भी असम के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
• उनके नाम पर कई सड़कों, इमारतों और संस्थानों का नाम रखा गया है।
• 24 नवंबर को “लाचित दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

निष्कर्ष:

वीर लाचित बोरफुकन एक महान योद्धा और देशभक्त थे। उन्होंने अपनी वीरता और रणनीति से मुगलों को परास्त किया और असम की रक्षा की। उनकी वीरता और देशभक्ति आज भी प्रेरणादायी है।

वीर लाचित बोरफुकन: FAQs

1. लाचित बोरफुकन को असम का शिवाजी क्यों कहा जाता है?

उन्हें असम का शिवाजी इसलिए कहा जाता है क्योंकि दोनों वीर योद्धा थे जिन्होंने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने-अपने राज्यों की रक्षा की।

2. सराईघाट युद्ध इतना महत्वपूर्ण क्यों था?

यह युद्ध इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इस जीत ने मुगलों के असम पर विजय के सपने को चकनाचूर कर दिया। यह असम के लिए एक निर्णायक जीत थी और इस क्षेत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

3. लाचित बोरफुकन की रणनीति सराईघाट युद्ध में कैसे सफल रही?

लाचित बोरफुकन की महत्वपूर्ण रणनीतियों में से एक थी नौका युद्ध का उपयोग। उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया, जहाजों से तोपों का इस्तेमाल कर मुगल सेना को रोकने में सफलता हासिल की।

4. हम लाचित बोरफुकन को कैसे याद करते हैं?

• असम में उन्हें राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मानित किया जाता है।

• उनके नाम पर कई संस्थान और स्मारक हैं।

• 24 नवंबर को हर साल लाचित दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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By Amit Singh

Amit Singh is in Freelancer since last 6 years. In the year 2016, He entered the media world. Has experience from electronic to digital media. In her career, He has written articles on almost all the topics like- Lifestyle, Auto-Gadgets, Religious, Business, Features etc. Presently, Amit Kumar is working as Founder of British4u.com Hindi web site.

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