नोनी का साग: सेहत का खजाना, स्वाद का जायका

नोनी का साग मुख्य रूप से जितिया व्रत में खाया जाता है। यह व्रत बिहार और झारखंड में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। जितिया व्रत में महिलाएं संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं और नोनी का साग पारण के समय खाया जाता है।

नोनी का साग बनाने की विधि
नोनी का साग बनाने की विधि बहुत ही आसान है। आप इसे घर पर भी आसानी से बना सकते हैं।

सामग्री:

नोनी का साग
प्याज
लहसुन
अदरक
हरी मिर्च
हींग
जीरा
धनिया पाउडर
लाल मिर्च पाउडर
हल्दी पाउडर
नमक
तेल


विधि:

सब्जी को धोकर काट लें: नोनी के साग को अच्छी तरह धोकर बारीक काट लें। प्याज, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च को भी बारीक काट लें।
तड़का लगाएं: एक पैन में तेल गरम करें और उसमें हींग, जीरा डालकर चटकने दें।
सब्जी भूनें: कटे हुए प्याज, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च को तेल में भून लें।
मसाले डालें: भुने हुए मिश्रण में धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
नोनी का साग डालें: अब कटा हुआ नोनी का साग डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
पकाएं: ढककर मध्यम आंच पर पांच से सात मिनट तक पकाएं। बीच-बीच में चलाते रहें।
गार्निश करें: गरमागरम नोनी का साग को धनिए की पत्ती से गार्निश करके सर्व करें।


सुझाव:

आप चाहें तो नोनी के साग में आलू, टमाटर या अन्य अपनी पसंद की सब्जियां भी मिला सकते हैं।
अगर आप तीखा पसंद करते हैं तो आप हरी मिर्च की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
नोनी का साग को आप मंडुआ की रोटी या चावल के साथ खा सकते हैं।


नोनी का साग के स्वास्थ्य लाभ:

नोनी का साग पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

अन्य जानकारी:

नोनी का साग साल में एक बार ही मिलता है और यह जितिया व्रत के मौके पर ही खाया जाता है।
नोनी का साग को कुछ लोग कड़वा भी कहते हैं लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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