जब भी कोई अपने बचपन की यादों की बातें करता है, तो उसके मन में रंग-बिरंगी चीजें आ जाती हैं। एक ऐसी ही यादगार बात है जलेबी की कहानी, जो हमें हमारे बचपन के दिनों की मिठास याद दिलाती है। यह कहानी कुछ साल पहले की है, जब छुट्टियों का समय आता था और हम सभी बच्चे खुली हवा में खेलने के लिए उत्सुक होते थे। मेरे दोस्त और मैं हमेशा एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे और अपनी खुशियों का पूरा इंतजाम करते थे।
एक दिन हम अपनी बाइसाइकिल साथ लेकर बाजार की ओर बढ़े। बाजार में हमें एक मिठाई की दुकान दिखाई दी और हम वहां रुक गए। दुकानदार ने हमें सारी मिठाइयों का दिखावा किया, लेकिन हमें सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाली चीज वहां रखी जलेबी थी। जलेबी की गोलियों का आकर्षण ही कुछ और होता है। हर गोली में वह मिठास छुपी होती है, जो बच्चों को बहुत अच्छी लगती है। हमने दुकानदार से कहा, “एक पैकेट जलेबी देना।” दुकानदार ने हमें मुस्कराते हुए जलेबी का पैकेट दिया और हम खुशी-खुशी वहां से चले गए।
हमने वहां बड़ी एक पत्तियों पर बैठकर जलेबी खाना शुरू किया। जलेबी की गोलियां थीं, लेकिन उनमें हर गोली की अलग मिठास थी। हमने एक दूसरे के साथ मिठास बाँटी और हंसी-खुशी मिठास भरे हुए वक्त बिताया। जलेबी के स्वाद ने हमें खुशी में डाल दिया था। उस छोटी-सी जलेबी ने हमें बहुत बड़ी खुशी दी थी। वह थी हमारी बचपन की मिठास, जो हमें आज भी मुस्कराहट लाती है। जिंदगी में कई मिठासें आती जाती हैं, लेकिन जलेबी की कहानी वह एक खास मिठास है जो कभी नहीं भूली जाती। उसकी मिठास ने हमें यह सिखाया कि छोटी-सी चीजें हमें सबसे बड़ी खुशी दे सकती हैं।
जलेबी की कहानी ने हमें यह भी बताया कि कभी-कभी हमें छोटी-सी बातों में भी बड़ी खुशी मिलती है। हमें बस उन छोटी-सी खुशियों को महसूस करने की क्षमता होनी चाहिए। इस कहानी से हम यह सीख सकते हैं कि जिंदगी की मिठास का मज़ा हमें छोटी-सी बातों में ही मिलता है। बचपन की वो मिठास और जोश हमें हमेशा याद रखना चाहिए, क्योंकि वह हमें आने वाले समय में भी हंसी और मुस्कराहट का सही रास्ता दिखा सकती है। इसलिए, जब भी आप जलेबी का स्वाद चखेंगे, तो याद रखें कि यह सिर्फ एक मिठास नहीं, बल्कि एक यादों भरे बचपन की कहानी है जो आपके दिल को हमेशा हंसी और मुस्कराहट से भर देगी